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सीमांकन में फेरबदल के विरोध में शाहपुरा में बढ़ने लगा जनाक्रोश,भाजपा और कांग्रेस के कद्दावर नेताओ की शव यात्रा निकाली

सीमांकन में फेरबदल के विरोध में शाहपुरा में बढ़ने लगा जनाक्रोश,भाजपा और कांग्रेस के कद्दावर नेताओ की शव यात्रा निकाली

 

 

शाहपुरा@(किशन वैष्णव)शाहपुरा नवनिर्मित जिला पूर्व में रियासतकाल से ही अपने आप में एक पहचान और छाप छोड़ने के कारण भीलवाड़ा जिले में ही नहीं अपितु राजस्थान में भी शहिद प्रताप सिंह बारहठ और अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय की मुख्य पीठ रामद्वारा की पहचान है और उसी से शाहपुरा ने राजस्थान में पहचान बनाई है लेकिन जिला घोषित होने के बाद शाहपुरा की जनता के साथ सीमांकन में छलावा करने की बात दाने आई है जिसका क्षेत्र की जनता में भारी आक्रोश है जिसके तहत दो दिन से शाहपुरा अनिश्चितकालीन बंद है क्षेत्र में इसको लेकर शाहपुरा जिला संघर्ष समिति बनाई गई ओर इसके बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है शाहपुरा बंद में सभी व्यापारी मंडल,अधिवक्तागण और सामाजिक संगठनों को कार्यकर्ता शामिल हैं।सभी प्रतिष्ठान बंद कर शाहपुरा बंद का समर्थन कर रहे हैं वही सब्जी,चाय सहित रोजमर्रा की जिंदगी में काम आने वाली वस्तुएं भी अब अनिश्चित कालीन बंद कर दी गई है तथा कस्बे सहित क्षेत्रवासी सड़को पर उतर गए हैं।

राजस्थान के कांग्रेस और भाजपा के दो बड़े नेताओं की निकाली शव यात्रा।


 

शाहपुरा संघर्ष समिति के संयोजक जयंत जीनगर ने बताया की शाहपुरा को जिला घोषित करने के बाद सीमांकन में शाहपुरा का बटवारा कर हुरडा और गुलाबपुरा प्रथक रखा जबकि हिंदुस्थान जिंक आगुचा माइंस शाहपुरा से मात्र 35 किलोमीटर है और गुलाबपुरा भी ज्यादा दूर नहीं है फिर भी शाहपुरा से गुलाबपुरा हुरडा को प्रथक कर दिया गया जिससे शाहपुरा के विकास के आयाम बंद हो जाएंगे और जिला बनने के बाद विकास कहा से होगा,हिंदुस्थान जिंक से भीलवाड़ा को तकरीबन 600 करोड़ रुपए डीएमएफटी विकास में दिए जाते है   क्षेत्रवासियो का कहना है शाहपुरा जिला बन गया है तो इसके विकास में भी पैसा आना चाहिए।इसके विरोध में दो दिन से शाहपुरा की जनता में भारी आक्रोश है तथा राजस्थान के बड़े कद्दावर नेताओ में से मंत्री और विधायक शव यात्रा भी निकाली गई शाहपुरा कस्बे से होकर शव यात्रा फुलिया गेट पहुंची तथा वापस त्रिमूर्ति पर पुतले भी जलाए गए। 


 

विरोध में अनिश्चितकाली शाहपुरा बंद,कांग्रेस व बीजेपी के फ्रंटलाइन नेता विरोध से दूर?
शाहपुरा के जिला घोषित में भाजपा और कांग्रेस के सहयोग की दुहाई देने वाले भाजपा और कांग्रेस के फ्रंटलाइन नेताओ ने विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से दूरी बना ली,जिला घोषित होने पर मुंह मीठा करा कर खुशियां बांटने वाले नेता ही अब विरोध प्रदर्शन से दूर है ऐसा क्यों?वही आमजन ने आरोप लगाया की प्रदेश में कांग्रेस सरकार होंने के बावजूद भी शाहपुरा के कांग्रेस नेताओ ने क्षेत्र के हित के लिए सार्वजनिक क्यों नही हुए,वही स्थानीय क्षेत्रवासियो का कहना है कि शाहपुरा क्षेत्रवासियो के साथ धोखा हुआ है आने वाले चुनावों में उन्हे इसका परिणाम भुकतना पड़ेगा।


पर्दे के पीछे राजनेताओं का बड़ा षड्यंत्र..?


नवनिर्मित शाहपुरा जिले में पहले शाहपुरा,गुलाबपुरा,मांडलगढ़ कोटड़ी, जहाजपुर,बिजोलिया संभवतया शामिल था।लेकिन क्या बाद में आर्थिक मायने को ध्यान में रखते हुए गुलाबपुरा क्षेत्र में आगुचा माइनिंग क्षेत्र और बिजोलिया मांडलगढ़ को शाहपुरा जिले से प्रथक कर दिया गया।इस निर्णय को शाहपुरा क्षेत्रवासियों ने राज्य सरकार का जनविरोधी निर्णय बताते हुए कहा की क्षेत्रवासियो के साथ सरासर अन्याय किया गया है शाहपुरा को जिला तो बना दिया पर क्षेत्र के विकास के आय के साधन छीन लिए गए हैं जबकि ये भीलवाड़ा से नजदीक शाहपुरा के पड़ते हैं।इसी निर्णय को लेकर आमजन ने शाहपुरा व भीलवाड़ा के नेताओ पर शाहपुरा वासियों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है और अनिश्चितकालीन हड़ताल अनशन और प्रदर्शन किया जा रहा है तथा आक्रोशित क्षेत्रवासियो ने दोनो नेताओ को शव यात्रा भी निकाली और राम नाम सत्य है भी बोला गया।


7 अगस्त को शाहपुरा जिला स्थापना कार्यक्रम के भी विरोध की चर्चा।

गुलाबपुरा हुरडा को शाहपुरा में शामिल नही करने के विरोध के स्वर आक्रोशित होते जा रहे हैं दो दिन से शाहपुरा पूर्णतया अनिश्चितकालीन बंद है तथा क्षेत्रवासियो ने त्रिमूर्ति चौराहे पर सामूहिक बैठक भी आयोजित की गई जिसमे भी कांग्रेस और बीजेपी के नेताओ और कार्यकर्ताओ ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारो हुए लगाए वही जानकारी मिली है की 7 अगस्त को शाहपुरा के प्रताप सिंह बारहठ महाविद्यालय में शाहपुरा जिला स्थापना दिवस पर कार्यक्रम आयोजित होगा लेकिन क्षेत्रवासियो द्वारा उसके भी विरोध करने की चर्चा सामने आ रही है।

सीमांकन में फेरबदल के विरोध में शाहपुरा में बढ़ने लगा जनाक्रोश,भाजपा और कांग्रेस के कद्दावर नेताओ की शव यात्रा निकाली